भाषा अच्छी बोलना,मुख का है शृंगार।
संधारित जिसने किये,लूट लिए संसार।।
लूट लिए संसार,स्वर्ग सुंदर मुस्काया।
अवतारण की चाह,देव मानस पर छाया।।
कहते हैं ‘अनजान’,सदा रखना अभिलाषा।
करके ही अभ्यास, सुधारो अपनी भाषा।।
**************************
रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’
मध्य विद्यालय दर्वेभदौर
0 Likes

