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चूहे की चतुराई-सुधीर कुमार

चूहे की चतुराई

एक बार दो बिल्ली ने मिल,
एक चूहे को पकड़ा।
उनके चंगुल से छूट न सका,
लाख किया वह रगड़ा।
तब चूहा बोला कि सुन लो,
बात हमारी मौसी।
मैं हूं छोटा सा मुझको,
खाओगी दोनों में कौन सी।
अब तो दोनों लगे झगड़ने,
कौन उसे खाएगा ?
किसकी किस्मत में है वो,
कौन जश्न मना पायेगा।
चूहा बोला, मत झगड़ों दोनों,
एक कंपीटिशन रख लो।
उसमें जो जीतेगा वो ही,
मार के मुझको चख लो।
दोनों जब तैयार हुए तो,
चूहा बोला, मुझे खाये वही।
पूरे घर का चक्कर लगा के,
आयेगा पहले जो भी।
सुनते ही दोनों दौड़ पड़े थे,
सारे घर में इधर उधर।
चूहा भी था बड़ा सयाना,
भागा अपने बिल के अंदर।

सुधीर कुमार

किशनगंज बिहार

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