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कोरोना का कहर-रीना कुमारी

कोरोना का कहर

देखो फिर से है संक्रमण बढ़ रहा,
सभी कोरोना के कहर से है डर रहा।
बच्चों के साथ बड़े भी सावधान हो रहे,
अपना अमूल्य जीवन बचाने का हल ढूंढ रहे,
जीवन थम गया, लगता है जैसे नीरसता की ओर जा रहा,
देखो फिर भी सतर्क रहो क्योंकि संक्रमण बढ़ रहा।

अमूल्य जीवन है दांव लगी, बचा लो अपनी जान,
मानव जीवन है खतरे में, मिटने न दो अपनी पहचान,
इस विपदा से निपट लो तो रहेगी फिर सबकी शान,
हार न मानो कभी, सिर्फ रहो सब सावधान,
कुछ न कुछ समाधान देखो है निकल रहा,
देखो फिर से संक्रमण है बढ़ रहा।

यह बीमारी आफत बन सब के गले है पड़ रही,
बच्चे बूढ़े, युवा-युवती किसी को न ये बख्स रही,
समस्या यह कैसी अचानक जीवन में है आन पड़ी,
हल तो निकलेगा ही चाहे इससे लड़ाई जितनी भी लड़नी पड़ी,
मुंह में सदा मास्क लगाने का दिन है आ रहा,
देखो फिर से संक्रमण है बढ़ रहा।

जाने क्यों एक-दूसरे से ये बीमारी पनप रही,
पिछले सालों से यह लड़ाई लड़नी है पड़ रही,
एक-दूसरे से दूर रहना हमें ये सिखा रही,
संबंध अच्छे को भी फीका है कर रही,
अपनों से भी दूर रहना है पड़ रहा।
देखो फिर से संक्रमण है बढ़ रहा।

जीवन है कितना सुंदर सबको मिलता है बस एक ही बार,

सदा घर में रहो और अपना लो कुछ घरेलू उपचार,
दवा संग हल्दी मिश्रित दूध सेवन कर लो एक बार, 

लोंग, तुलसी, काली मिर्च की काढ़ा पी लो दिन में दो बार,
सदा सतर्क रहो, सुरक्षित हो घर पर, लेते रहो प्रभु नाम सौ बार,
सेनीटाइजर को बार-बार लगाना है पड़ रहा।
देखो फिर से संक्रमण है बढ़ रहा।

रीना कुमारी (शिक्षिका)
प्राथमिक विद्यालय सिमलवाड़ी पश्चिम टोला
पूर्णियाँ बिहार

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