कोरोना से बचाव
कुदरत पर जो हमनें ढाया कहर है,
आज कोरोना उसी का असर है।
हवाओं में फैला ऐसा जहर है,
हर तरफ बस मौत की खबर है।
सभी दिख रहे है गुमसुम व सहमे सहमे,
पता नहीं कल किस पर कोरोना का कहर है।
इस खौफनाक मंज़र से बचने का, सावधानी ही एक उपाय है।
दो गज दूरी मास्क है जरूरी,
इसका रखना पूरा ख्याल है।
लोंग, तुलसी, काढा, भाप, गर्म पानी
समय समय पर लेते रहना,
हाथ धोना, सेनेटाइज करना
यही मात्र, बचने के उपचार है।
पेड़-पौधे, जीव-जंतुओ का,
जैसे छीना, हमनें जीवन है।
वैसे ही छीन रही प्रकृति, आज हमारा जीवन है।
भूल गए थे हम भारतवासी, हाथ जोड़, स्वागत करने की थी संस्कृति हमारी।
वेस्टर्न अपनाने से ही आई है आफत सारी।
छोड़ो विदेशी, खाओ स्वदेशी
अब ताजा व सादा भोजन, ही अनिवार्य है।
आँचल शरण
बायसी पूर्णिया
बिहार
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