दो अक्तूबर
यह दिन
उस मोहन का है
जिनको हम बापू कहते हैं
सत्याग्रह के अमर प्रणेता
नमन आपको करते हैं
सत्य, शांति, समता का
जिसने वरदान दिया
भारत की पवित्र धरा को
गुलामी से त्राण दिया
सबके लिए
प्यार का सागर
जिस दिल में लहराता था
अहिंसा का संत प्रखर वह
गाँधी कहलाता था
यह विश्व
जिसका कृतज्ञ है
मानवता का जो भूषण है
सहज नमन की यह प्रार्थना
बापू तुझे समर्पित है!
गिरिधर कुमार, संकुल समन्वयक
संकुल म. वि. बैरिया, अमदाबाद, कटिहार
0 Likes