दुनियाँ कितनी नश्वर है
ये दुनियाँ कितनी खूबसूरत है
कण कण में समाहित मूरत है
कोई गोरा है तो कोई काला है
ये ईश्वर की बनाई हुई सूरत है।
सारी चीजों का रखवाला है ईश
जाने क्यों लोग रखते हैं क्लेश
सबलोगों को ही बनाया ईश्वर है
फिर भी दुनियाँ कितनी नश्वर है।
ईश्वर ने हमें मानव जीवन दिया है
बदले में हमने उसको क्या दिया है
हर आदमी आंकता यहां कमतर है
दोस्तों ये दुनियाँ भी कितनी नश्वर है।
ईश्वर ने बनाया है, सबको एक समान
उसने हमें है, दिया मानव की पहचान
फिर भी हमसब इस बात से बेखबर हैं
दोस्तों ये, दुनियाँ भी कितनी नश्वर है।
एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
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