गाय हमारी संस्कृति की धरोहर,
गाय हमारी पालनहार।
देती दूध अमृत के जैसा,
भर देती घर में प्यार अपार।
गाय हमें देती है गोबर,
गोबर से बनती खाद महान।
खाद अगर पहुँच जाए खेतों में,
तो बंजर भूमि भी हो कल्याण।
गाय का गोमूत्र औषधि अमृत,
रोग मिटाए, तन हो निर्मल।
सेवा उसकी पुण्य का सागर,
हर धर्म में पाया है संबल।
गाय से जुड़ी है जीवन-धारा,
गांव की शान, कृषक की प्यारी।
गाय हमारी संस्कृति की मूरत,
भारत माता की अनमोल सवारी।
अंजू कुमारी,
शिक्षिका,
मध्य विद्यालय गंगवारा रूनीसैदपुर, सीतामढ़ी, बिहार
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