हाँ मैं वही भारत हूँ!
हाँ मैं वही भारत हूँ!
जिसने विश्व को सभ्यता का पाठ पढ़ाया
उदित हुआ दिनकर जहाँ ,अपना प्रकाश फैलाया।
हाँ मैं वही भारत हूँ!
जहाँ बहती है पतित पावनी गंगा
छू कर इसके निर्मल जल को
जनम सफल हो जाता।
हाँ मैं वही भारत हूँ!
जहाँ भीष्म की प्रतिज्ञा है
कृष्ण की लीला भूमि यही,
राम की जन्म भूमि यहाँ
यहीं गीता का ज्ञान है।
हाँ मैं वही भारत हूँ।
लक्ष्मीबाई सी रानी यहाँ,
मीरा सी दीवानी यहाँ
अहिल्या सी तपस्विनी,
कुम्भा सा बलिदानी यहाँ।
हाँ मैं वही भारत हूँ!
मैंने अपनी मेहनत से
अपनी पहचान बनाई है
विश्व पटल पे मैंने ही तो
धर्म की ज्योत जलाई है।
स्वरचित-बिंदु अग्रवाल
मध्य विद्यालय गलगलिया
किशनगंज, बिहार
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