हे माँ तू सुन
हे कालरात्रि महामाया सुन,
हे जगदम्बे महाकाली सुन।
तेरी महिमा जग कल्याणी,
सब दुख है हरने वाली सुन।
तू चंड -मुंड संहार करें,
माँ खप्परवाली काली सुन।
त्रैलोक्य में तेरी माया है,
सब दोष तू हरनेवाली सुन।
चमके स्फटिक जयमाल तेरा,
तू खड्ग खप्पर श्रृंगारी सुन।
कल्याण जगत का हे मैया,
करे दुष्ट दलन महतारी सुन।
तू रक्तबीज का नाश करे,
हो पाप मुक्ति विज्ञानी सुन।
भय से वसुधा को मुक्त करे,
तू है संतन हितकारी सुन।
हम कोटि कोटि हैं नमन करें,
हे भद्रकाली महारानी सुन।
मम पाप हरो तुम हे माता,
ममतामयी तू मनबासी सुन।
स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
0 Likes

