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हिन्दी की रक्षा करें आज-सुरेश कुमार गौरव

Suresh kumar

हिन्दी की रक्षा करें आज

एक समय जब ऐसा था, भारत पर हिन्दी करती थी राज !
ऐसा समय अब आया है कि, अंग्रेजी दां हो गया समाज !!

इसपर क्षेत्रीय भाषा हो गई हावी, पूरे हिन्दुस्तान में आज !
हिन्दी में शामिल हो गई कई भाषाएं, क्यों बदल गया समाज !!

भाषा की जननी माता से बन गई सेविका, है ये कैसा रिवाज !
शब्दों से हुआ खूब खिलवाड़, अब अंग्रेजी भाषा करती राज !!

हिन्दी में तब बसते थे प्राण, सबके मुख में सदा रहते विराज !
हिन्दी के माथे पर है सदा बिंदी, इसी ने दिलाई थी स्वराज !!

अब सबकुछ बदल गया लगता है, हिन्दी का रीति-रिवाज !
हिन्दी है भारत की शान, तब करते थे हरदम इस पर नाज !!

विशुद्धता है इसमें, यह मिलावट देख, हिन्दी हुई अब नाराज !
चेत जाएं अब हम, हिन्दी बोली भाषा, हर मुख पर हों विराज !!

कहते रहें सदा हिन्दी हैं हम वतन हैं, कहां गया वो सुराज !
क्यों आज लोग दीवाने हैं, थोपी गई अंग्रेजी भाषा पर आज !!

हिन्दी है भारत की शान, फिर क्यों गिर गई इस पर गाज !
हे भारत के प्रबुद्ध सुधि संतान, हिन्दी की रक्षा करें आज !!

एक समय जब ऐसा था, भारत पर हिन्दी करती थी राज !
ऐसा समय अब आया है कि, अंग्रेजी दां हो गया समाज !!

✍️ सुरेश कुमार गौरव (शिक्षक)

पटना (बिहार)

@ सर्वाधिकार सुरक्षित

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