हिन्दी की रक्षा करें आज
एक समय जब ऐसा था, भारत पर हिन्दी करती थी राज !
ऐसा समय अब आया है कि, अंग्रेजी दां हो गया समाज !!
इसपर क्षेत्रीय भाषा हो गई हावी, पूरे हिन्दुस्तान में आज !
हिन्दी में शामिल हो गई कई भाषाएं, क्यों बदल गया समाज !!
भाषा की जननी माता से बन गई सेविका, है ये कैसा रिवाज !
शब्दों से हुआ खूब खिलवाड़, अब अंग्रेजी भाषा करती राज !!
हिन्दी में तब बसते थे प्राण, सबके मुख में सदा रहते विराज !
हिन्दी के माथे पर है सदा बिंदी, इसी ने दिलाई थी स्वराज !!
अब सबकुछ बदल गया लगता है, हिन्दी का रीति-रिवाज !
हिन्दी है भारत की शान, तब करते थे हरदम इस पर नाज !!
विशुद्धता है इसमें, यह मिलावट देख, हिन्दी हुई अब नाराज !
चेत जाएं अब हम, हिन्दी बोली भाषा, हर मुख पर हों विराज !!
कहते रहें सदा हिन्दी हैं हम वतन हैं, कहां गया वो सुराज !
क्यों आज लोग दीवाने हैं, थोपी गई अंग्रेजी भाषा पर आज !!
हिन्दी है भारत की शान, फिर क्यों गिर गई इस पर गाज !
हे भारत के प्रबुद्ध सुधि संतान, हिन्दी की रक्षा करें आज !!
एक समय जब ऐसा था, भारत पर हिन्दी करती थी राज !
ऐसा समय अब आया है कि, अंग्रेजी दां हो गया समाज !!
✍️ सुरेश कुमार गौरव (शिक्षक)
पटना (बिहार)
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