जीवन में हो लक्ष्य
जीवन में लो इक लक्ष्य, भेद सकते जो।
संघर्ष करो तुम घोर, जीत सकते हो।।
हारो नही रखो धैर्य, पीर सह जाओ।
पथरीले जो हो मार्ग, नीर बह जाओ।।
विघ्न से बना तू बाँध, गर्त पार करो।
शत्रु को बनाओ मित्र, बैर-भाव हरो।।
भूलो मत नेक कार्य, स्वार्थ छोड़ो तुम।
ये काज करे मन तृप्त, भाव जोड़ो तुम।।
विनय कुमार “ओज”
आदर्श मध्य विद्यालय, अईमा
खिजरसराय ( गया )
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