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कर्म ही पूजा है-रीना कुमारी

कर्म ही पूजा है

जीवन में क्या खोया, क्या पाया,
ये सब किस्मत की बात है,
बदल जाता है नसीब भी
अगर अच्छे कर्मों का साथ है।

खुशी का नहीं कोई रूप दूजा है,
याद रखो कर्म ही पूजा है।।

भुगतना पड़ता है हर कर्मों का फल यहाँ, कोई नहीं इससे बच पाया है, अच्छे-बुरे कर्मों का भेद भी समझो, सोचो क्यों धरती पर इंसान बनके आया है।

जिसने किया संघर्ष यहाँ, नाम उसी का गूंजा है, इसलिए कहा जाता है, कर्म ही पूजा है।

बेकार बैठने वालों का जीवन एक सजा है, जिसने किए हैं पुण्य के काम, जीवन उनका मजा है, ईमानदारी से हो हर काम अगर तो जीवन में बहार है, ऐसे लोगों से भगवान को भी प्यार है।

कर्मयोगियों का समाज में स्थान हमेशा ऊँचा है, तभी तो कहा जाता है, कर्म ही पूजा है।

कर्म पथ पर चलते चलो, प्रेम से कर्तव्य निभाते चलो।
जीवन में सब कुछ अधुरा है,
यदि कर्तव्य न पूरा है,
तभी तो कहा जाता है, कर्म ही पूजा है।

कर्म करो तो फल मिलता है,
आज नहीं तो कल मिलता है।
सपने भी पूरे होते है अपने,
यदि अच्छे कर्म हो साथ अपने। अतः कर्म ही पूजा है।

रीना कुमारी
प्रा० वि० सिमलवाड़ी पश्चिम टोला
बायसी पूर्णियाँ बिहार

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