मां भारती
मां भारती कर्म भूमि तेरी,
निर्मल धारा पवन करे फेरी।
गंगा के अविरल धाराओं ने,
कष्टों का निवारण करें मेरी।।
तेरी गोद में बहती गंगा,
सबका जीवन है चंगा।
तू है सबका मोक्ष दायिनी,
बखान करें ऋषि मुनि संगा।।
जग में विख्यात तेरी कीर्ति,
साधु संतों की है अभिवृत्ति।
देवी देवता तेरी गोद में,
रहने के लिए उल्लास भरे।।
मां भारती तेरी मिट्टी में,
सोंधी महक से आकर्षित करें।
हरा भरा तेरा आंगन,
अन्न से भरा भंडार पड़े।।
सबका है जीवन दायिनी,
औषधि का भंडार पड़े।
तेरी गोद में सभी खुशी से,
अपने जीवन का इजहार करें।।
अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआंव कैमूर
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