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नारी शक्ति है-आँचल शरण

नारी शक्ति है

नारी शक्ति है
नारी भक्ति है
नारी ही अभिव्यक्ति है।
नारी धर्म है
नारी कर्म है
नारी ही अनंत प्रेम है।
नारी लज्जा है
नारी मर्यादा है
नारी ने ही जग रचा है।
नारी गंगा है
नारी यमुना है
नारी ही निर्मल धारा है।
नारी सीता है
नारी गीता है
नारी ही तीज त्योहार है।
नारी सृष्टि है
नारी दृष्टि है
नारी ही जीवन की उत्पत्ति है।
नारी ज्वाला है
नारी धारा है
नारी ही प्रेम की माला है।
नारी लक्ष्मी है
नारी सरस्वती है
नारी ही दुर्गा-काली है।
नारी माँ है
नारी बहन है
नारी ही बहू बेटी है।
नारी रीति है
नारी नीति है
नारी ही संस्कृति है।
नारी सबला है
नारी कमला है
नारी ही साहसी रजिया है।
नारी गीत है
नारी गज़ल है
नारी से ही सुर-सरगम है।
नारी चमन है
नारी उपवन है
नारी से ही घर आंगन है।
नारी अंत है
नारी आरंभ है
नारी ही संहारक है।
नारी शक्ति है

नारी भक्ति है

नारी ही अभिव्यक्ति है।

आँचल शरण
बायसी पूर्णियां बिहार

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