Site icon पद्यपंकज

निर्भयता का संदेश-सुरेश कुमार गौरव

Suresh kumar

निर्भयता का संदेश

मेरा दीपक जलता जाए
कुछ करने का अरमान लिए
मनुज सेवा का वरदान लिए
जीवन पथ के भूले पथिक को
राह दिखाता जाए
मेरा दीपक जलता जाए।

सौरभ सुमन सा सुगंध लिए
तन-मन को महकाता जाए
हर दिल में उपवन की भांति
शुभम सुमन सा खिलता छाए
मेरा दीपक जलता जाए।

मेरा दृढ़ मन रुक न पाए
मन में इक नई आस लिए
चाहे लाख तूफान आए
चाहे लाख मुसीबत आए
मेरा दीपक जलता जाए।

कर्तव्य न अपना छोड़
भय से मुख नहीं मोड़
निर्भयता का संदेश सुनाता जाए
जीवन पथ पर अडिग खड़ा
मेरा दीपक जलता जाए।

मेरा दीपक जलता जाए
कुछ करने का अरमान लिए
मनुज सेवा का वरदान लिए
जीवन पथ के भूले पथिक को
राह दिखाता जाए
मेरा दीपक जलता जाए।

✍️सुरेश कुमार गौरव
स्वरचित मौलिक रचना
@सर्वाधिकार सुरक्षित

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version