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नियम-विजय सिंह नीलकण्ठ

नियम

नियमों पर चलने वाले जन 
सदा सफल हो जाते हैं 
जो भी है अनदेखी करता 
असफल हो पछताते हैं। 
सदा समय पर उगता सूरज 
सदा समय पर डूबता है 
गर ऐसा न होता जग में 
हर जीव धरा से मिट जाता। 
चींटी हरदम पंक्तियों में 
चलती दिखाई देती है 
इसीलिए तो सभी चीटियाँ 
स्व ठिकाने तक पहुँचती है। 
ऋतु परिवर्तन न होता तब 
जीव जंतु विह्वल दिखते 
अन्न जल न मिलता जग में 
गगन धरा खाली दिखते। 
नियमों का पालन करके ही 
भविष्य उज्जवल हो सकता है 
इसके साथ चल चलकर ही 
जीवन सफल हो सकता है। 
जो न इसका पालन करते 
स्वयं दिग्भ्रमित हो जाते हैं 
जीवन में सुख कभी न मिलते  
केवल दुःख हीं पाते हैं। 
नीलकण्ठ करता है विनती 
सब नियमों का पालन करना 
तभी सफलता पग चूमेगी 
नहीं तो पछताओगे वरना।
विजय सिंह नीलकण्ठ 
सदस्य टीओबी टीम 
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