प्रवेशोत्सव
कुदरत की सबसे सुंदर रचना बच्चों आप ही हो,
जग में सबसे सच्चे, निश्छल
बच्चों आप ही हो।।
प्रकृति की इस अनुपम कृति को,
मैला न होने दो,
बाबु अधिक ऊत्तम बनने को शिक्षा से नाता जोड़ लो।।
उम्र हुई जब छः वर्ष तो स्कुल में
तुम आ जाओ,
बाहर रहकर स्कूल से तुम अपनी
क्षमता कम न करो।।
स्कूल में जो आओगे तो खेल-खेल
में पढ़ जाओगे,
पढ़कर जिम्मेदारी से भरकर तुम
आगे बढ़ते जाओगे।।
समाज, देश आगे बढ़ता है, जब
कोई बच्चा पढ़ता है,
अनपढ़ बोझ है बड़ी धरा पर,देश
को पीछे करता है।।
खुशबू है हर फूल में तो, हर बच्चा स्कूल चलें, स्कूल चलें।।
रितेश ब्रजराज
मध्य विद्यालय रन्नूचक मकन्दपुर
नाथनगर, भागलपुर
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