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रक्षाबंधन-अर्चना गुप्ता

रक्षाबंधन 

रक्षाबंधन का त्योहार पावन
चिर स्नेहिल रक्षा का बंधन
प्रीत से बँधी ये रेशम डोरी
भाई को लागे अति सुहावन
सावन का ये प्यारा मौसम
भाई-बहन के प्रेम का बंधन
अक्षत रोली मौली कुंकुम
संग लेता संकल्प संरक्षण
रक्षाबंधन का त्योहार पावन
बड़ा अनोखा स्नेहिल बंधन
प्रेम विश्वास से भरा समर्पण
दुआ माँगे ये नीर भरे दो नैना
सुखमय हो भाई तेरा आँगन
सूनी ना हो कलाई किसी की
सरहद हो या हो घर-आँगन
दूर या पास कहीं रहे बहन
पर जागृत रहता नेह का बंधन
रक्षाबंधन का त्योहार पावन
ले रक्षा का अनमोल वचन
हैं सरहद पर भाई बाँध कफन
ईश्वर से है विनती मेरी इतनी
खुशियों से भरा रहे तेरा दामन
हृदयतल से करती अभिनन्दन
ले मातृभूमि की रक्षा का प्रण
रहे न कभी कोई अधूरा वचन
रक्षाबंधन का त्योहार पावन।

अर्चना गुप्ता
म. वि. कुआड़ी
अररिया बिहार

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