Site icon पद्यपंकज

प्रायोगिक विज्ञान – अवधेश कुमार

प्रायोगिक विज्ञान

किताबों और सैद्धान्तिक कक्षाओं से मन जब ऊब जाता है
तब प्रयोगशाला में मन लगता है।
टेस्ट-ट्यूब में रंग बदलते सपने,
कभी बीकर में घोलते रंग नये ।

धुआँ (गैस). नहीं, जिज्ञासा उठती यहाँ,
हर प्रतिक्रिया से खुलती नयी दिशा यहाँ।
छोटी-सी अवक्षेप से जग दिखाता,
टॉयट्रेशन की हर बूंद में विज्ञान मुस्काता।

न्यूटन का गति का सिद्धांत हो या आर्कमिडीज का पानी की धार,
प्रयोगों से मिलता सच्चा आधार।
सिर्फ थ्योरी नहीं, अनुभव सिखाता,
प्रायोगिक विज्ञान ही भविष्य बनाता।

बच्चों की आँखों में चमक जगाए,
नवाचार की राह हमेशा बताए।
ज्ञान तभी है जब हो परख सही,
प्रयोग से ही सच्चाई मिलती सभी।
जब बच्चे सीख जाते हैं प्रयोग , कुशल हो विषय में ,
ढूंढते हैं समस्या का हल
यही तो असली सीखने का प्रतिफल ।
प्रस्तुति – अवधेश कुमार
उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय रसुआर , मरौना , सुपौल

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version