Site icon पद्यपंकज

शक्ति-मधुमिता

शक्ति

लें हाथों में हाथ, हम साथ-साथ,
बदलेंगे ये जहाँ।

एकता से बड़ी कोई शक्ति नहीं,

मानवता से बड़ी कोई भक्ति नहीं,

प्रेम से बड़ी कोई पूंजी नहीं,

कर्म से बड़ी कोई कुंजी नहीं,

ले हाथों में हाथ, हम साथ-साथ,

बदलेंगे ये जहां।

काम, क्रोध, ईर्ष्या, लोभ,

मोह से बड़ा कोई शत्रु नहीं।

इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं,

स्नेह से बड़ा कोई सम्बन्ध नहीं,

धैर्य और विवेक से बड़ा कोई मित्र
नहीं,

विनम्रता से मीठे कोई बोल नहीं

लें हाथों में हाथ, हम साथ-साथ
बदलेंगे ये जहाँ

सामंजन शक्ति को बढ़ाना है

एक रहकर जहाँ को दिखाना है।

अपने सुन्दर विचारों से

सारे जग को सुन्दर बनाना है।

कर्तव्य पथ पर निरंतर चलते रहना है।

खुशियों से भरा जहाँ हमें बनाना है।

बनकर दिया हमसब को

इस जग में जगमगाना है।

लें हाथों में हाथ, हम साथ-साथ,
बदलेंगे ये जहाँ।

मन में खुशियों की तरंगे उठने दो,

फूलों सा जीवन को महकने दो,

इंद्रधनुष के रंगों को जीवन में घुलने दो।

ह्रदय से प्रेम का दरिया बहने दो,

लें हाथों में हाथ, हम साथ-साथ,
बदलेंगे ये जहाँ

मधुमिता ✍️✍️✍️
मध्य विद्यालय सिमलिया

 बायसी पूर्णियाँ (बिहार)

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version