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वीर नहीं घबराते-मधु कुमारी

वीर नहीं घबराते

है सच विपत्ति है जब आती
कमजोरों को ही है डराती
वीर नहीं है कभी घबराते
धीरज से हर जंग पल में
निश्चित ही वह जीत जाते।

कितनी भी हो मुश्किल राहें
तनिक नहीं है वह घबराते
कांटो भरी राहों पर चलकर
मंजिल तक है पहुंच जाते।

संकट की नहीं बली है चढ़ते
हर विपत्ति को हैं ध्वस्त करते
अपने प्रयत्न पर सदा रखते
हैं विश्वास, तनिक नहीं डरते।

कांटों भरी राह पर भी
चलकर मंजिल तक हैं
वीर निश्चित पहुंच जाते
हर मुश्किल को अपने
परिश्रम से जीत जाते
वीर नहीं देखो घबराते।

मधु कुमारी
कटिहार 

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