योग से जीवन सुंदर बनाएं
नित्य करें सब मिलकर योग
तन से भगाएँ सारे रोग।
स्फूर्ति आ जाती है तन में,
दूर होती व्याधि इक क्षण में।
योग है स्वस्थता की परिभाषा,
आओ सीखें हम योग की भाषा।
योग की माया करे मन की शुद्धि,
दे सुडौल काया और कुशाग्र बुद्धि।
विश्व को रोगमुक्त हम बनायें,
आओ हम योग दिवस मनाएं।
इसे दिनचर्या का हिस्सा बनायें,
आयुर्वेद व योग का झंडा फहराएं।
योग का बस उद्देश्य यही है,
तन और मन हो श्रेष्ठ सही है।
योग का ले लें आज संकल्प,
योग ही करता है कायाकल्प।
योग बहुत ही है फायदेमंद,
मिटा जाए तन-मन के द्वंद्व।
योग को सभी अपनाएंगे,
जन जीवन समृद्ध बनाएंगे।
नूतन कुमारी
पूर्णियाँ बिहार
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