Antriksh ki sair 
आज यह बात जान लो मुनिया।
अंतरिक्ष की है अपनी दुनिया।।
ऊपर देखो नीला गगन।
चमक रहे सूरज दन -दन।।
यह देता दिन में हमें उजियारा।
लेकिन यह भी है एक तारा।।
रात में चंदा मामा हंसते आते ।
संग में तारे भी टिमटिमाते।।
सौरमंडल में ग्रह है आठ।
इस बात की बांध लो गांठ ।।
बुध है सबसे छोटा प्यारा ।
सूरज के पास खड़ा बेचारा।।
शुक्र है सुंदर चमकदार।
पर है गर्मी से लाचार ।।
पृथ्वी पर बस जीवन है ।
क्योंकि इसमें ऑक्सीजन है ।।
लाल ग्रह मंगल चमकता।
लोहे के जंग से दमकता।।
बृहस्पति ग्रह है सबसे बड़ा ।
इसमें हाइड्रोजन,हीलियम भरा।।
शनि के छल्ले कितने सुंदर ।
ग्रह रहता हमेशा इसके अंदर।।
यूरेनस नीला ठंडा सा ।
घूमें टेढ़ा- मेंढ़ा अनोखा सा ।।
नेप्चून का है बहुत दूर ठिकाना ।
तूफानों का यहां है आना-जाना।।
आज यह बात जान लो मुनिया।
अंतरिक्ष की है अपनी दुनिया।।
रणजीत कुमार
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय राम विलास टोल धर्मपुर रहुआ रोसड़ा समस्तीपुर(बिहार)
