भगवान तेरा खेल निराला,
एक एक कहानी है अधूरा।
हर फूल में खुशबू नहीं महकता,
सभी भाइयों को बहना नहीं होता।
खुदा से मिला जिनको यह तोहफा,
हर रिश्ता से है अनोखा।
निकाल वक्त संभाल लेना,
राखी का त्योहार प्यारा।
एक छुट्टी लगाकर आना,
शगुन में एक एहसास देना।
हर संकट में हूं साथ तेरा,
सौ बलाए लेगी जैसा।
दिल से दुआएं देगी ऐसा,
अगर भाई पर आए कोई संकट।
बन ढाल हर लेगी हर गम,
जिसने बनाया यह त्यौहार।
जोड़कर रखा घर परिवार,
ऊपर वाला इतना करना।
हर भाई को बहना देना,
ताकि रहे आंखों में इंतजार।
कब आए राखी त्यौहार,
भगवान तेरा खेल निराला।
एक-एक कहानी है अधूरा!!
किरण कुमारी
प्राथमिक विद्यालय आदिवासी टोला कीरकिचिया,फारबिसगंज अररिया।
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