पिया यौ अहाॅ॑ लएअ करै छी करवाचौथ त्योहार यौ ,
भैर दिन राएख केअ उपवास यौ ना।
एक दिन पहिले गेलौं बाजार
किनलौं साड़ी ,चूड़ी लाल,
पिया यौ अहाॅ॑के देखै लेयअ
किनलौ चलनी चमकदार यौ ,
भैरदिन राएखकेअ——-२
पिया यौ अहाँ———-२।
नेहेलौं- सोनेलौं करलौं श्रृॅ॑ गार
मेंहदी लगेलौं पूरे पाएर हाथ
पिया यौ अहाँके लंबी उमर लय करै छी त्योहार यौ
सीथ में लगाकेअ सिंदूर लाल यौ ना
पिया यौ——–२।
करै छी अहाॅ॑के हम प्रणाम्
दियअ अखंड सौभाग्यवती के वरदान,
पिया यौ पानी पियाके तोराबू व्रत हमार यौ
दियअ आशीर्वाद यौ ना ,
पिया यौ ————-२।
माॅ॑गै छी ईश्वर सेअ हम वरदान
पिया जीवैत निकलअ हमर प्राण
पिया यौ जबतक जीयब हम
करब हमरा सेअ प्यार यौ
आठों पहर दिन राएत यौ ना
पिया यौ —————२।
नीतू रानी “निवेदिता ”
पूर्णियाॅ॑ बिहार।
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