गर्व है हिंदी,पर्व है हिंदी,
है उत्सव त्यौहार है हिंदी।
निज की भाषा,निज का मान,
मां सी ममता,पिता सा शान।
हिंदी है भाषाओं की रानी,
दिल की बोली,दिल की बानी।
इसकी अपनी सरल मिठास
इससे हमारा आत्मविश्वास,
अपनी भाषा अपनी पहचान,
राष्ट्र गौरव, वायुप्राण।
राष्ट्र गीत हो या राष्ट्रगान
सभी जगह है इसका यशोगान।
इसी से है कालजयी महादेवी,सूर
कबीर,प्रेमचंद और जयशंकर,
वरना कैसे बहता भावों और संस्कृति का
रत्नाकर हमारे अंदर?
आओ इसका मान बढ़ाएं,
चहुं दिशा में इसे फैलाएं।।
है भारत के माथे की बिंदी
गर्व है हिंदी,पर्व है हिंदी
है उत्सव त्यौहार है हिंदी।।
मनीष कुमार राय
प्रधानाध्यापक
मध्य विद्यालय सिमरिया
प्रखंड :कसबा,जिला:पूर्णियां
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