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कीमत चुकानी होगी – जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

Jainendra

कीमत चुकानी होगी
मनहरण घनाक्षरी छंद में


बिजली के कटने से,
बढ़ जाती परेशानी,
ए सी में जो रहने की, हो जाती आदत है।

घटाएंँ बरसने से,
मौसम बदल जाता,
थोड़ी देर तपन से, मिलती राहत है।

पेड़-पौधे कटने से
आबादी को बढ़ने से,
हर साल ताप-धूप, बढ़ाती आफत है।

जीवन बचाने हेतु,
पेड़ों को लगाना होगा,
वरना चुकानी होगी, सबको कीमत है।

जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

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