“जनसंख्या संतुलन तो देश बनेगा खुशहाल”
जनसंख्या वृद्धि है,देश के विकास में सदा ही बनता बाधक
फिर भी कुछ ऐसे हैं,देने लगते ज्ञान और बन जाते हैं साधक।
जनसंख्या नियंत्रण कर देश को अब आगे ले जाना ही होगा
छोटा परिवार,सुखी परिवार सबको यह लक्ष्य पाना ही होगा।
शिक्षित बनकर और जनजागृति फैला फर्ज निभाना ही होगा
जनसंख्या संतुलन बनाकर, देश खुशहाल बनाना ही होगा।
जाति-धर्म से उपर उठकर, समग्र समाज को जागना होगा
प्रभात फेरी,जनसंख्या ज्ञान से, हर एक को जगाना होगा।
कहने में संकोच नहीं,अंधविश्वास सोच से भी यह बढ़ता है
धर्म-जाति की आड़ में, इसलिए तो देश का मान घटता है।
बढ़ती आबादी पर नहीं लगी लगाम, तब पछताना ही होगा
बात बिगड़ जाए ज्यादा, इस मसले को निपटाना ही होगा।
इसके लिए जन जागरुकता अभियान में, लगना ही होगा
अशिक्षा ने भी खूब फंसाया, सबको शिक्षित बनना ही होगा।
सोचें, हम जनसंख्या बढ़ाकर इसपर क्या हासिल कर लेंगे?
अंधविश्वास,संकीर्णता,ढ़़कोसलों से, क्या साबित कर देंगे?
आने वाला समय है, देश के विकास और प्रगति का वाहक
सभी संभलें सभी लगें एक सोच पर चलें,बने सब संवाहक।
जनसंख्या वृद्धि है, देश के विकास में सदा ही बनता बाधक
फिर भी कुछ ऐसे हैं,देने लगते ज्ञान और बन जाते हैं साधक।
@सुरेश कुमार गौरव, शिक्षक,
उ. म. वि. रसलपुर फतुहा पटना (बिहार)
स्वरचित और मौलिक
@सर्वाधिकार सुरक्षित
सुरेश कुमार गौरव