धर्म बिना नर ऐसे
जैसे अश्व रास बिना,
लोगों के जीवन का धर्म ही आधार है।
जीवन सफर में जो
सच्चा गुरु मिल जाएंँ,
तेरे भवसागर का होगा बेड़ा पार है।
आस्था और विश्वास में
होती बड़ी ताकत है,
कभी-कभी दुनिया में होता चमत्कार है।
नरेंद्र देव को गुरु ने हीं
बनाया विवेकानंद,
ऐसे सद्गुरु को नमन बार-बार है।
जैनेन्द्र प्रसाद रवि‘
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