🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏
मनहरण घनाक्षरी
कदंब की डाली पर,
कान्हा बैठे छुपकर,
राधारानी ढ़ूंढ रहीं,सखियाँ उदास है।
रंगों का त्योहार आया,
चहूँओर हर्ष लाया,
बाल-सखा दौड़ पडे,मिलन भी खास है।
चुपचाप वनमाली,
सखियाँ बजाए ताली
राधा कान्हा अंग लगे,सुखद आभास है।
गलियों में गिरधारी,
मारी ऐसी पिचकारी
सराबोर वृंदावन,दिखता उल्लास है।
एस.के.पूनम
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