पप्पा नाम लिखा दो न
नामांकन करवा दो न
हम को भी पढ़ना है
जीवन में आगे बढ़ना है
रस्ता हमको दिखा दो न
पप्पा नाम लिखा दो न
ना कोई खर्चा लगेगा
ना होगी कोई परेशानी
स्कूल है टोले में अपने
जाने में है आसानी
हो जाए कहीं न देरी
जल्दी स्कूल पहुंचा दो न
खाना कपड़ा और किताबें
मुफ्त में मिलती है
हमारे सपनों की कलियां
ब्लैकबोर्ड पर खिलती हैं
चांद को छूना है मुझे
ऊंचा जरा उठा दो न
पप्पा नाम लिखा दो न
चांदनी समर उर्फ़ रिजवाना यासमीन
मध्य विद्यालय दाऊद छापड़ा मीनापुर मुज़फ्फरपुर
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