जीवन मित्र है हर अच्छी पुस्तक
जीवन मार्ग में देती है ये दस्तक.
भाषा का मर्म भी छिपा है इसमें,
दिन दुनिया की हर खोज खबर,
भाषा और लिपी की कहानी है,
व्याकरण इसकी स्व निशानी है।
इसकी भूमिका पुस्तक का है ध्यान
बिषय सूची है इसकी मूल पहचान,
ज्ञान दात्री होती है पाठ्य पुस्तक,
मित्र की भाति देती है ज्ञान- दस्तक
या कहूं सच्ची मित्र की भांति है पुस्तक
बिषय अविषय और गैर पाठ्य नीति
खूब देती है अनमोल ज्ञान सुनीति
अशिक्षितों के दूर कर देती है अज्ञान।
आलमारी में सजी पुस्तकें कहती हैं
आओ मुझे पकड़ो,खोलो और समझो
इतिहास,भूगोल और राजनीति बूझो
गणित,भाषा और विज्ञान को जानो
सतत् ज्ञान का वाहक अगर है शिक्षक
पढ़कर निभाता है भूमिका बन वीक्षक
पुस्तक देती है एक नया दीर्घ आयाम
कभी नहीं लगाती है यह पूर्ण विराम।
सुरेश कुमार गौरव,स्नातक कला शिक्षक,उ.म.वि.रसलपुर,फतुहा,पटना (बिहार)
स्वरचित और मौलिक
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