बिना टिकट के चिंटू भाई जो बैठोगे रेल में।
पकड़े जाने पर दंड लगेगी पहुँच जाओगे जेल में।।
बिना पटरी के पंक्तिबद्ध हो केवल चलती हैं चीटियाँ,
काले कोट वाले को देखकर कानों में बजती सीटियाँ।
बिना पैसे के छुक-छुक गाड़ी चलती बच्चों के खेल में।।
जांच कर्ता पूछेंगे तुमसे भाई क्यों ऐसा काम किया?
माता-पिता और परिवार का नाम तूने बदनाम किया।
पुलिस वाले हथकड़ियाँ लगाकर डाल देंगे सेल में।।
बिना टिकट के रेल में चलना बहुत बड़ा अपराध है,
चोरी कर सीनाजोरी करना बड़ी शर्म की बात है।
न्यायालय का चक्कर काटोगे फिर पैसे लगेंगे वेल में।।
जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
म.वि. बख्तियारपुर, पटना
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