द्विगुणित सुंदरी छंद
शिक्षक सभी हमारे, बदलें बिहार आओ।
शिक्षा दीप जलाओ, ज्ञान पुंज फैलाओ।।
प्रण यह करने आओ, औरों को समझाओ।
जीवन जीने आओ, जीना भी सिखलाओ।।
अंतस अभी जगाओ, सपनें सच कर पाओ।
है अज्ञान घनेरा, सूरज सा बन जाओ।।
शिक्षक सभी हमारे, बदलें बिहार आओ।
शिक्षा दीप जलाओ, ज्ञान पुंज फैलाओ।।
अपनी डफली लाओ, सबकी राग सुनाओ।
परिंदे को नन्हे से, बाज बनाने आओ।।
सुरों को तुम सुनाओ, साज उन्हें सिखलाओ।
पन्ने कोरे-कोरे, जीवन रंग चढ़ाओ।।
शिक्षक सभी हमारे, बदलें बिहार आओ।
शिक्षा दीप जलाओ, ज्ञान पुंज फैलाओ।।
बच्चें कोमल होते, इन्हें प्यार से समझाओ।
ये हैं कलियां प्यारी, उपवन अब महकाओ।।
कल के यही सितारे, इनको गगन बिठाओ।
रौशन जग कर पाएं, सूरज इन्हें बनाओ।।
शिक्षक सभी हमारे, बदलें बिहार आओ।
शिक्षा दीप जलाओ, ज्ञान पुंज फैलाओ।।
ये आसरे हमारे, उस आस को बचाओ।
ये नौनिहाल बच्चे, इनमें लगन जगाओ।।
आदर्श हमीं होते, यह बात समझ जाओ।
छोड़ों सारी बातें, मॉं जैसी बन जाओ।।
शिक्षक सभी हमारे, बदलें बिहार आओ।
शिक्षा दीप जलाओ, ज्ञान पुंज फैलाओ।।
रचयिता – राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज पटना।
संपर्क- 9835232978

