Site icon पद्यपंकज

बालिका-शिक्षा – पामिता कुमारी

Pamita

बेटी पढाईला से कछु नय बिगरतै
हे बाबूजी तोहर पगड़ी नय गिरतै।
बेटी और बेटा में भेद नय करिहो,
दोनो के साथे-साथ पढाईहो लिखाइहो,
बेटी पढाईला से इज्जत नय घटतै,
हे बाबूजी तोहर पगड़ी नय गिरतै।
हमरो से शान तोहर हमरो से मान हो ,
बेटी भी अब होय छै बाप के अभिमान हो,
खाली चूल्हा फुकवय ला से कुछ नय होय छै
बेटी पढाईला से इज्जत नय घटतै,
हे बाबूजी तोहर पगड़ी नय गिरतै।
आंख खोल के देखो बाबू बदलल जमनबा,
आजकल के बेटी भी छुये आसमनवा,
बेटी जे पढ़ताये त इज्जत ही बढ़तै,
बेटी पढाईला से इज्जत नय घटतै
हे बाबूजी तोहर पगड़ी नय गिरतै।।
पामिता कुमारी
शिक्षिका
कन्या मध्य विद्यालय शाहकुण्ड
भागलपुर

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version