1
देखो दौड़े-दौड़े आएं
सभी दिशा में हैं छितराएं
कहीं कुछ भी नजर ना आए
धुंधली धुंधली सभी दिशाएं।।
2
घर में आती दाना चुगती
उड़ती फिरती नभ को छूती
बच्चों उसका नाम बताओ
सारे जग में है वह दिखती।।
3
रंग रूप से होती काली
ना होती वह मन से काली।
बच्चों के मन को भाती है
जब छेड़े वह तान सुरीली।।
4
मां की अम्मा प्यारी लगती
कथा कहानी भी है कहती।
प्यारे बच्चों ज़रा बताओ
मां की अम्मा है क्या लगती?
5
मेरी मां के हाथ बटाए
झट से चावल दाल पकाए।
कर लेती जब काम सभी वो
सीटी मारे हमें बुलाएं।
उत्तर-कुहासा,चिड़िया,कोयल,
नानी, कुकर।
मीरा सिंह “मीरा”
+२, महारानी उषारानी बालिका उच्च विद्यालय डुमराँव, जिला-बक्सर
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