भारत माँ की जय-जय बोल
मिट्टी चंदन जल है अमृत,
पवन बासंती है चितचोर,
मातृभूमि है स्वर्ग से सुंदर,
धरा सृष्टि की है सिरमौर,
भारत माँ की जय जय बोल।
समर शेष है रण है बाकी,
ह्रदय की सब तू गाँठे खोल,
दूर अशिक्षा और गरीबी,
दंगाई तू भारत छोड़,
भारत माँ की जय जय बोल।
लहर लहर लहराए तिरंगा,
यह भारत की शान है,
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई,
सब इसकी संतान हैं,
प्रेम भरी सब वाणी बोल ,
भारत माँ की जय जय बोल।
खून पसीने से सींचेंगे,
विश्व विजयी हो जायेगा,
दुश्मन ने जो जुर्रत की तो,
जिंदा दफ़न हो जाएगा।
शुभ विजयी शक्ति रस घोल,
भारत माँ की जय जय बोल।
- डॉ स्नेहलता द्विवेदी आर्या
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Dr. Snehlata Dwivedi
