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मन:स्थिति

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मन:स्थिति

मन चंचल है द्रुतगामी है,

अकल्पनीय है इसकी स्थिति,

कभी व्यथित कभी विचलित,

अबूझ है इसकी स्थिति,

कभी आत्मकेंद्रित, कभी पराश्रित,

अबोधगम्य है इसकी स्थिति,

कभी किंकर्तव्यविमूढ, कभी स्वावलंबी,

दुर्बोध है इसकी स्थिति,

कभी हर्षित, कभी शोकग्रस्त,

गूढ है इसकी स्थिति,

कभी ग्लानिपूर्ण, कभी सहानुभूतिपूर्ण,

अस्पष्ट है इसकी स्थिति,

कभी अडिग, कभी ढृढसंकल्पी,

अथाह है मन:स्थिति।

अपार है मन:स्थिति।।

प्रस्तुति

बैकुंठ बिहारी

स्नातकोत्तर शिक्षक

कम्प्यूटर विज्ञान

उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सहोड़ा गद्दी, कोशकीपुर

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Baikunth Bihari

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