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महात्मा गाँधी-प्रीति कुमारी

महात्मा गाँधी 

धन्य है यह वसुंधरा,
जिसने गाँधी को जन्म दिया ।
जो सत्य अहिंसा वादी थे,
और परोपकार के आदी थे ।
दे दिया विश्व को यह संदेश,
रखो न किसी से राग द्वेष ।
सत्य का मार्ग तुम अपनाओ
जनमानस में खुशियाँ लाओ ।
जिनका बस एक ही सपना था,
भारत माँ को आजाद कराना था ।
देखकर भारत माँ की विवशता,
गाँधी जी ने संकल्प लिया,
शुरु किया सत्याग्रह और
अंग्रजों को बेचैन किया ।
सत्य और अहिंसा,
ये ही उनके दो अस्त्र थे,
पूरे शरीर पर एक ही धोती,
बस ये ही उनके वस्त्र थे ।
लेते थे वे अल्पाहार,
करते थे वे सबसे प्यार,
जग-जाहिर उनका आचार-व्यवहार
सादा जीवन उच्च विचार ।
मातृभूमि के कण-कण में,
बसती थी उनकी आत्मा,
इसीलिए तो जनमानस में
कहलाए वे महात्मा ।

प्रीति कुमारी
कन्या मध्य विद्यालय मऊ विद्यापति नगर,
समस्तीपुर

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