अंतराष्ट्रीय योग दिवस विशेष -स्वरचित कविता
योग विश्वगुरु -भारत
आओ हम सब मिल के मनाए पर्व नये इस विश्व की।
भारत ने दी संकल्पना,2015 में है योग की
भारत ,योग में बना विश्वगुरु – तिथि दिया 21 जून का
स्वस्थ काया,स्वस्थ मन – यही मूल उद्देश्य है योग का।
महर्षि पतंजलि ने दिया योग सूत्र यहीं।
ऐतिहासिक है स्वास्थ्य का मंत्र यही।
इस वर्ष(2024) योग का थीम यही –
“स्वयं और समाज के लिए योग”है सही।
5000 वर्षों पुरानी है आर्यावर्त में जन्मी योग की संकल्पना।
अल – हिंद विश्व का मार्गदर्शक बन,कर रहा योग की अभिव्यंजना।
जब विश्व कोरोना से था त्रस्त – ऑक्सीजन अनापूर्ति का था कष्ट।
भारतवासियों ने की तब भस्त्रिका और स्वासारी कर हो रहे थे स्वस्थ।
है योग से हर रोग का निवारण
अपनाओ इसे – बनाओ जीवनशैली साधारण।
यदि ब्लड का प्रेशर हो हाई या लो
अनुलोम विलोम तुम थोड़ा कर लो।
यदि खून में बढ़ गई शर्करा
कपालभाती उसे कम करेगी जरा ।
हो यदि तुम्हारा लीवर फैटी
भुजंगासन ठीक करेगा जल्दी।
शीर्षासन राजा है योग का।
करे ये निवारण हर रोग का
12 आसनों से बना सूर्य नमस्कार
करो इसे और देखो चमत्कार ।
योग में तुम लो आसक्ति
तभी बढ़ेगी काया की ” दीप्ति”।
दिप्ति सिंह – प्रा. वि .शिक्षिका
मध्य विद्यालय – चांद,चांद(कैमूर)
दिप्ती सिंह