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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस: विधा- दोहावली- देवकांत मिश्र ‘दिव्य’

दिवस राष्ट्र विज्ञान का, लाया नव उल्लास।
रमण खोज की याद कर, उर में भरें उजास।।

चिंतन कर विज्ञान का, लाएँ अभिनव सोच।
अन्वेषण की चाह में, नहीं करें संकोच।

तमिलनाडु जन्मस्थली, त्रिचिनापल्ली गाँव।
माँ की साया के तले, पले पूत के पाँव।।

उनके रमण प्रभाव से, बढ़ा देश का मान।
पाकर ही नोबेल से, सफल हुए अरमान।।

क्षमता है विज्ञान में, सही करें उपयोग।
अन्वेषक नक्शे कदम, करते रहें प्रयोग।।

वैज्ञानिक हैं देश के, सच्चे नेक सपूत।
अन्तर्मन की चाह से, करे सदा अभिभूत।।

दिवस राष्ट्र विज्ञान पर, उनको करें प्रणाम।
दिव्य नित्य कहते सदा, हो विज्ञान ललाम।।

देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
‘शिक्षक’
मध्य विद्यालय धवलपुरा, सुलतानगंज, भागलपुर,बिहार

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