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विशिष्ट शिक्षक – Roshan verma

हिंदी: हमारी अस्मिता की पहचान

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जीवन का संस्कार है हिन्दी। 

भावनाओं  का उद्गार है हिन्दी। 

राष्ट्र की पहचान है हिन्दी।

और 

नव चेतना की आवाज है हिन्दी। 

अलख जगाए स्वतंत्रता की जो,

 संवेदना की संस्कार  है हिन्दी।

ऋषियों का ज्ञान है हिन्दी। 

बलिदानियों का इंकलाब है हिन्दी।

 संगीत का श्रृंगार  है हिन्दी।

 सुरों  की पुकार है हिन्दी।

 संस्कृत की लाड़ली बेटी है हिन्दी। 

देश की आन-बान और शान है हिन्दी। 

भारत के कण-कण में हिन्दी।

 भारत के जन-मन में हिन्दी। 

फिर  क्यों, 

राजभाषा बन  सिमट गई हिन्दी ?

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