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शिक्षा की ज्योति जलाने वाले- अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

साथ मिलकर चलें, हम मिलकर रहें,

एक  दिन मंजिल हमें जरूर मिल जाएगी।

साथ मिलने और चलने से  ताकत  बढ़े,

अरमानों को  निश्चित  पंख लग जाएँगे।

कदम ही कदम  यूँ  ही  लोग  चलते रहें,

मंजिल मुस्करा कर  खुद समीप आएगी।

इसमें खुशियाँ  बड़ी, इसमें दिल  भी  बड़ा,

इस  हौसले  से  शक्ति  बड़ी  मिल जाएगी।

जब  हम  शिक्षा की  ज्योति जलाने  चलें ,

हर  खुशियाँ  हमारे  करीब  आएँगी।

जमीं   से   उठूँ,  आसमां   तक    फिरूँ,

यह नसीब बनके एक दिन जरूर छाएगी।

यूँ  ही हरदम  कदम मिलाकर  बढ़ाते  रहें,

शिक्षा  का दीप घर-घर जगमगा  जाएँगे।

मुद्दतों से  हौसला कभी डगमगाया नहीं,

आज कैसे वो हौसला डगमगा  जाएगी।

साथ  मिलकर  चलें, हम  मिलकर  रहें,

एक दिन मंजिल हमें जरूर  मिल जाएगी।

बिना शिक्षा के जीवन  है किस काम का,

उसे  लेकर  रहेंगे, दिल  बहल  जाएँगे।

हर  व्यक्ति  को  शिक्षित  है  करना  हमें,

सबके जीवन में इंद्रधनुषी रंग छा जाएँगे।

जब  राहों  में  चलें हम  सीना  तान  के,

मुश्किलें  भी  कहीं  तो  सिमट जाएगी।

शिक्षा  की   मुहिम  यूँ   ही  बढ़ाते   रहें,

सफलता  हमें  एक  दिन  मिल  जाएगी।

सुर  में  सुर  यूँ   ही  हम  मिलाते  रहें,

एक दिन  मंजिल जरूर हम पा जाएँगे।

इस जिंदगी के सफर में अकेला मैं नहीं,

साथ चलने  से किस्मत  सँवर  जाएगी।

जीवन जीना है कितना, यह हमें  पता ही नहीं,

पर जीवन  जीने  की  सूरत  बदल जाएगी।

चल पड़े जब  शिक्षा का  मशाल ले हाथ में,

तब  खुशियाँ  सर्वत्र  हमें  मिल  जाएगी।

साथ  मिलकर  चलें, हम  मिलकर रहें,

एक दिन मंजिल हमें जरूर मिल जाएगी।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड- बंदरा, जिला- मुजफ्फरपुर

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