शिक्षा जीक्न मूल है, मानव धर्म सामान.
शिक्षा बिन सब सुन है, वाहन सुघर सुनाम..
पाहन मे ज्यो प्राण है, मुरत में भगवान.
शिक्षा जिन मन में बसे, समझो सूजन सुबास..
नित उठि शीश नवय के, गुरू धरनी पितु मात.
हिय धर सहज सुनाम धन, करता सुकाम सुनाम..
शिक्षा शिक्षण की कला, सबल होइ धरि धीर.
तप जप गुरू जन भी करें,पाहन पास जान..
बिन गुरु ज्ञान न जानिए, बिन शिक्षा सब सुन,
परमानंद है गुरु कृपा, मानक मोती चुन..
शिक्षा मानिक चुन के, माला दिया बनाय.
तेहि माला साधून लखे,सुंदर मन मधुराय..
माँ मानुस ममता सभी, हैं प्रकृति के रूप.
सब के सब हैं गुरु तुल्य, शिक्षा के सब मूल..
डॉ स्नेहलता द्विवेदी
उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय शरीफगंज कटिहार
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Dr. Snehlata Dwivedi


