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शुभागमन-विवेक कुमार

vivek kumar muzaffarpur

शुभागमन

निश्छल चंचल मन,
आंखों में संजोएं, सपनों की उमंग,
फंख फैलाए भरने को गगन की उड़ान,
नव आगंतुकों हेतु सज चुका है, शिक्षा का दरबार,
आइए पधारिए हमारे भविष्य के कर्णधार,
शिक्षा की दहलीज पर है आपका वंदन अभिनंदन,
शुभागमन, शुभागमन……………।

चली बयार,
आ गई नामांकन की बहार,
नन्हें-मुन्हें की उड़ी फुहार,
मनमोहक, मनभावन लगता जैसे त्योहार,
आमंत्रित करता सूबे सह मुजफ्फरपुर का हर विद्यालय परिवार,
शिक्षा की दहलीज पर है वंदन अभिनंदन,
शुभागमन, शुभागमन………………।

सजेगी बगिया चमन होगा गुलजार,
नव कोंपल के आगमन से खिल उठेगा,
शिक्षा का बाग, होगा नया आगाज,
भंवरे गुनगुनाएंगे सुनकर, प्यारी मीठी मंद मंद मुस्कान,
पधारों हे राष्ट्र के कर्णधार,
शिक्षा की दहलीज पर है वंदन अभिनंदन,
शुभागमन, शुभागमन……………….।

प्रथम अप्रैल से आपकी राह निहारे,
नामांकन की बांट जोहते,
पाठशाला ही है जिसकी शान,
जो दिलाएगा उन्हें मान और सम्मान,
तभी बढ़ेगा राष्ट्र का अभिमान,
शिक्षा की दहलीज पर है वंदन अभिनंदन,
शुभागमन, शुभागमन…………..।

सभी अभिभावकों से विवेक की विनती है हरबार,
चल रही नामांकन की बयार,
कराइए छह वर्ष के नन्हें मुन्ने का दाखिला इसबार,
खुद आइए, संग लाइए,
बगिया के फूलों का चहकता मेहमान,
शिक्षा की दहलीज पर करते वंदन अभिनंदन,
शुभागमन, शुभागमन……………।

विवेक कुमार
(स्व रचित एवं मौलिक)
उत्क्रमित मध्य विद्यालय,गवसरा मुशहर
मड़वन, मुजफ्फरपुर

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