🙏कृष्णाय नमः🙏
🌹विद्या:-कवित्त🌹
बुद्ध शुद्ध रूपमान,
आते-जाते देखे प्राण,
मौन व्रत रख कर,विचारों में खोए थे।
हुए कई अवतार,
ज्ञानवान करतार,
दुखियों को देख कर,सिद्धार्थ रोए थे।
प्रीत रीत छोड़ कर,
मोह माया त्याग कर,
एक शाम भिक्षा माँग,सुख नींद सोए थे।
गौतम ही बोधिसत्व,
भूल गए अपनत्व,
बताए अष्टांग योग,मुक्ति बीज बोए थे।
एस के.पूनम(स.शि.)फुलवारी शरीफ,पटना।
0 Likes