स्कूल चलें हम- बाल कविता
शाला में सिखलाया जाता।
खेल-कूद करवाया जाता।।
खाने को भी मिलता सबको।
प्यार सदा ही मिलता सबको।।
फिर मुझको क्या होगा गम।
क्योंकर होगी आँखें नम।।
छँट जाए जीवन का तम।
हर्षित होकर स्कूल चलें हम।।
पढ़ने वाले आगे निकले।
अनपढ़ तो जीवन भर मचले।।
देखा मैंने आस-पास में।
क्षमता बढ़ाती विश्वास में।।
अम्मा का कहना माने हम।
जीवन को गढ़ना ठाने हम।।
मैया को चले मनाने हम।
शाला की बात बताने हम।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
0 Likes
