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स्वच्छता हमारा मूलमंत्र – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

स्वच्छता  हमारा  मूलमंत्र है,
यह शरीर का मजबूत तंत्र है।

सबसे  यही अनुरोध  करें हम,
स्वच्छ रहने का यत्न करें सब।

हम अपने हाथों  की करें सफाई,
मम्मी  तभी  देगी  दूध   मलाई।

खाने  के  पहले  शौच  के  बाद,
भूल न जाएँ साबुन से धोना हाथ।

जब अच्छी तरह धोएँगे हाथ,
तभी सेहत देगी हमारा साथ।

साफ  हाथों  में  दम   दिखेगा,
प्रसन्न  मन  भी  तभी खिलेगा।

कभी न  करना उल्टा काम,
खाकर कभी न करना स्नान।

पहले स्नान तभी हो भोजन,
तभी बनेगा निरोगी जीवन।

रोज स्नान हो रोज सफाई,
हो न कभी चर्म रोग कसाई।

दूध नमक कभी साथ न खाएँ,
खुजली होने से हम सब बच जाएँ।

हो स्वच्छता से नाता जरूरी,
पढ़ाई- लिखाई तभी हो पूरी।

कभी न सड़क पर धूल उड़ाएँ,
न कभी कहीं गंदगी फैलाएँ।

अपने आस-पास  की  करें  सफाई,
होगी  तभी  हम  सबकी  भलाई।

डस्टबिन में हमेशा कचरा डालें,
स्वच्छता नियमों को हम सब पालें।

नाखून कभी न हम बढ़ाएँ,
स्वच्छता की ओर एक  कदम बढ़ाएँ।

स्वच्छता भरे काम सदा कर पाएँ।
इधर-उधर गंदगी न फैलाएँ।

जितना हम साफ- सफाई रखेंगे,
उतना ही हम अधिक स्वस्थ रहेंगे।

दें  स्वच्छता  का  हरदम  पैगाम,
इससे जीवन में मिलते  ढेरों  इनाम।

घर से स्कूल तक हो स्वच्छता का ध्यान,
देश  हमारा  बने तभी महान।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड- बंदरा , जिला- मुजफ्फरपुर

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