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स्वास्थ्य रक्षा -राम किशोर पाठक

Ram Kishor Pathak

हिंदी - किशोर छंद

स्वास्थ्य रक्षा – सरसी छंद

स्वास्थ्य हमारा सही रहे तो, रहती है मुस्कान।
काम समय से होता रहता, मिलती नव पहचान।।
इसकी रक्षा धर्म हमारा, ले हम इतना जान।
मनोभाव भी सुंदर होता, मिलता है सम्मान।।०१।।

खान पान नित सही समय से, करिए कुछ श्रमदान।
श्रम से सिंचित स्वस्थ सदा तन, करे नहीं नुकसान।।
चिंता छोड़े आज सकल सब, करता जो हलकान।
चिंतन हमको अपनाना है, कहते विज्ञ सुजान।।०२।।

साग पात फल फूल मिलाकर, भोजन करे सुजान।
गोरस सेवन जो करता है, बनता तन बलवान।।
सुपाच्य भोजन से होता है, नहीं कभी नुकसान।
रोग दूर है रहता हरपल, मुखमंडल मुस्कान।।०३।।

सदा स्वास्थ्य का अपना रखिए, खुद ही अच्छा ध्यान।
सोना जगना खाना पीना, उचित सही सब जान।।
आस पास है सबसे होता, तन मन का नुक़सान।
सोच समझकर चुनना सीखें, सुलभ स्वास्थ्य का मान।।०४।।

नित्य व्यायाम करना हितकर, तन को दे आकार।
स्वस्थ हमारा तन रहता है, मन का मिटे विकार।।
स्वस्थ रहे तन मन भी सुंदर, हर्षित हो परिवार।
आओ मिलकर हम-सब सोचे, क्यों बिगड़ा घर बार।।०५।।

है तनाव तो उसे निकालो, ऊर्जा लेता छीन।
कष्ट बसे जब तन में आकर, हालत होती दीन।।
नहीं आधार जिन बातों का, उनसे रहिए दूर।
जीवन सुखमय सदा रहेगा, खुशी मिले भरपूर।।०६।।

रोग सदा हीं दीमक जैसा, करता तन कमजोर।
बुद्धि ज्ञान फिर काम न करता, मन देता झकझोर।
सदा चिकित्सा से उत्तम है, बने रहे नीरोग।
शुद्ध हमारा भोजन करना, संग करें कुछ योग।।०७।।

रक्षा तन की खुद करना है, सबसे सही उपाय।
कर्म धर्म में लीन सदा रह, समझें इसको आय।।
“पाठक” सबको बोल रहा है, जीवन का यह भूल।
स्वास्थ्य चला जो गया अगर तो, लौट न पाए मूल।।०८।।

रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

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