हर भारत के वासी है, भारतीयता है पहचान हमारी।
दुनिया के लोगो के बीच पहनावे से होती पहचान हमारी।।
पश्चिमी फैशन को अपनाना यदि शौक है हमारी।
भारतीय संस्कृति की पहचान है धोती- कुर्ता – पजामा और सूट साड़ी।।
समय के साथ जिस तरह हमारे बच्चे भूल रहे अपनी मूल संस्कृति।
बचपन से ही बच्चों के बीच अपने पहनावे और संस्कृति का ज्ञान है जरूरी।।
जब पार्टी फंक्शन मे जाने को कपड़े दुकान से करते है हम खरीदारी।
तब अपने धर्म स्थल पर जाने को अपनी संस्कृति के अनुरूप ही भारतीय कपड़े भी पहनने को क्यों नही है आदत हमारी।।
धीरज कुमार
उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिलौटा भभुआ
जिला कैमूर
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